जीवनसंवाद : सब साथ-साथ बचेंगे
जब-जब हम पर कोरोना जैसे संकट आते हैं, अलग-अलग टुकड़ों में बंटे समाज धीरे धीरे पास आने लगते हैं. भारतीय समाज इतना बहुरंगी, विविधतापूर्ण है कि उसे पूरी तरह समझ पाना असंभव है. हम सब समाज को बहुत थोड़ा जान पाते हैं अपने जीवनकाल में. जो जैसा जान पाता है, उसकी समझ वैसी ही बनती जाती है. इसमें सबसे महत्वपू…